नए साल के मौके पर सबके घर मेहमान आएंगे, उनके खाने के लिए कुछ न कुछ तैयार रहना चाहिए, आजकल Gajar का मौसम है तो क्यों न मेहमानों के लिए गाजर का हलवा (Gajar ka Halwa) बनाया जाए।

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Gajar ka Halwa recipe in Hindi
आइये जानते हैं, Gajar ka Halwa kaise banate hain.
गाजर का हलवा के लिए सामग्री | Ingredients for Gajar Ka Halwa
गाजर का हलवा के लिए सामग्री
गाजर – 1 किलो ग्राम (8-10 मध्यम आकार की गाजर)
चीनी – 250 ग्राम (1 1/4 कप)
मावा – 250 ग्राम (1 कप)
दूध – 1/2 – 1 कप
देसी घी – एक टेबल स्पून
किशमिश – (डंठल हटा दीजिये) 1 टेबल स्पून
काजू – (4-5 टुकड़े करते हुये काट लीजिये) 12-15 ग्राम
नारियल – 1 टेबल स्पून (कद्दूकस किया हुआ) (आप चाहें तो)
छोटी इलाइची – (छील कर पीस लीजिये) 5-6
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Gajar ka Halwa banane ki vidhi | Gajar ka Halwa banane ka tarika
गाजर का हलवा बनाने के लिए एक किलो लाल गाजर बाजार से ले लें। गाजर को छीलिये, अच्छी तरह धोइये और कद्दूकस कर लीजिये।

उसमे मावा में डालकर धीमी आंच पर भून लीजिए। भूने हुये मावा को प्याले में निकाल कर रख लीजिये। कढ़ाई में बारीक़ की हुई गाजर डालकर गैस पर रख दीजिए और उसमे दूध डाल कर मिला दीजिये।

अब गाजर के नरम होने तक पकने दीजिये। अब गाजर में चीनी डालिये, थोड़ी देर बाद चलाते रहिये, गाजर का रस निकलने लगेगा, आप इसे हर 2 मिनिट में चलाते रहिये, गाजर को तब तक पकाइये जब तक कि गाजर का सारा रस जल न जाए ।

पकी हुई गाजर में घी डालकर भून लीजिए, किशमिश, काजू और मावा डाल दीजिए। हलवे को 2-3 मिनिट तक चलाते हुए पकाइये, गैस बन्द कर दीजिये और पिसी इलायची डाल दीजिये। आपका गाजर का हलवा तैयार है।

गाजर के हलवे (Carrot Halwa) को प्याले में निकाल लीजिए। अब इसे बारीक़ किए हुए नारियल से गार्निश कर लीजिए और गरमा – गरम या ठंडा गाजर का हलवा (Carrot Pudding) सबको परोसिये और खाने का आनंद ले। बची हुई गाजर की खीर को ठंडा करके कन्टेनर में भर कर फ्रिज में रख दीजिये और 7 दिन तक रोजाना खाइये।

सुझाव: गाजर का हलवा में आप अपनी पसंद के अनुसार मेवा कम या ज्यादा कर सकते हैं, जो मेवा आपको पसन्द हो वो डाल सकते हैं और जो पसन्द न हो उसे हटा सकते हैं।
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गाजर के हलवे का आविष्कार किसने किया था?
किंवदंतियों का मानना है कि हलवा पकाने की प्रक्रिया को तुर्क साम्राज्य में वापस देखा जा सकता है। ऐसा कहा जाता है कि साम्राज्य के सुल्तान ने मिठाइयाँ पकाने के लिए एक विशेष रसोईघर बनाए रखा था। उस समय हलवा को केवल तीन सामग्रियों – स्टार्च, वसा और स्वीटनर से तैयार किया जाना चाहिए था।
गाजर का हलवा का इतिहास क्या है?
गाजर का हलवा का इतिहास क्या है?
गाजर अफगानिस्तान के लिए स्वदेशी थे और डच के माध्यम से भारत में अपना रास्ता खोज लिया। वे पंजाब में उगाए जाने लगे और बाद में उन पर प्रयोग किया गया, जिसका परिणाम गाजर का हलवा के रूप में सामने आया। भले ही हलवे की उत्पत्ति अरब में हुई हो, लेकिन यह पहले से अधिक भारतीय नहीं हो सकता है।
भारत में गाजर किस देश से आई?
प्राचीन भारत में काली या बैंगनी गाजर की व्यापक रूप से खेती की जाती थी। आधुनिक नारंगी गाजर की खेती तब तक नहीं की गई जब तक कि 16 वीं शताब्दी के अंत में डच उत्पादकों ने बैंगनी गाजर के उत्परिवर्ती उपभेदों को नहीं लिया और धीरे-धीरे उन्हें आज हमारे पास मीठे, मोटे, नारंगी किस्म में विकसित किया। इसके बाद यह अंग्रेजों के माध्यम से भारत आया।