(Boondi Ladoo) हनुमान जयंती 2023: चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav) का पर्व मनाया जाता है। इस बार 6 अप्रैल 2023 को हनुमान जी का जन्म दिवस है और लोगों के बीच हनुमान जयंती के नाम से भी जाना जाता है।

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Boondi Ladoo Recipe
इस दिन को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन कई शुभ मुहूर्त बनते हैं और यह सभी शुभ कार्यों के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। इस बार आप हनुमान जयंती के मौके पर भगवान को उनके पसंदीदा केसर बूंदी के लड्डू (Hanuman jayanti Bhog Prasad Recipe) का भोग लगा सकते हैं. आइए आपको केसरिया बूंदी लड्डू रेसिपी के बारे में विस्तार से बताते हैं।

केसरिया बूंदी लड्डू रेसिपी सामग्री | Kesariya Boondi Ladoo Recipe Ingredients
- बेसन (3 कटोरी)
- चीनी (2 कटोरी)
- केसर (5-6 धागे)
- इलायची पाउडर (1 छोटा चम्मच)
- देसी घी (तलने के लिए)
- आवश्यकतानुसार पानी
- खरबूजे के बीज (गार्निशिंग के लिए)
- नारंगी रंग (1/4 छोटा चम्मच)
- बेकिंग सोडा (1/4 छोटा चम्मच)
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केसर बूंदी लड्डू रेसिपी | Saffron Boondi Ladoo Recipe
सबसे पहले केसरिया बूंदी के लड्डू बनाने के लिए बूंदी तैयार कर लीजिए। इसके लिए एक कटोरी में बेसन को पानी और रंग के साथ मिलाकर घोल तैयार कर लीजिए । इसका गाढ़ा पेस्ट बना लें, ज्यादा पतला होने पर लड्डू बनाना मुश्किल होगा।
वहीं दूसरी तरफ चाशनी बनाने के लिए एक बर्तन में करीब दो कटोरी चीनी और दो कटोरी पानी मिलाकर गैस पर उबाल आने तक अच्छी तरह पकाएं। आप इसमें केसर के धागे भी पका सकते हैं।
अब एक पैन गैस पर रखें और उसमें घी गर्म करें और तैयार घोल को छलनी से चलाकर पैन में डाल दीजिए। लाल होने तक उसे छान लें। इस तरह बेसन के पूरे घोल से बूंदी बनाकर तैयार कर ले।
अब इसे चाशनी में डालकर 2 मिनट तक पकाएं. इसके बाद गैस बंद कर दें। बूंदी को 5 मिनिट चाशनी में रहने के बाद हथेली पर थोड़ी सी बूंदी लेकर लड्डू के आकार में बनाकर तैयार कर लीजिए।
अगर आप अलग-अलग रंग के लड्डू बनाना चाहते हैं तो आप फूड कलर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस आसान विधि से लड्डू बनकर तैयार हो जायेंगे, सजाने के लिये आप ऊपर से खरबूजे के बीज लगा सकते हैं।
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लड्डू का इतिहास क्या है?
ऐसा माना जाता है कि भारतीय चिकित्सक सुश्रुत ने अपने सर्जिकल रोगियों के इलाज के लिए लड्डू को एक एंटीसेप्टिक के रूप में इस्तेमाल किया था। चौथी शताब्दी ईसा पूर्व में, उन्होंने लड्डू बनाने के लिए तिल, गुड़ और मूंगफली जैसे पौष्टिक गुणों वाली सामग्री का उपयोग किया था जिसे आज हम प्यार से तिल के लड्डू कहते हैं।
लड्डू किस भगवान को प्रिय है?
शीतल मोदक या लड्डू भगवान गणेश का पसंदीदा भोजन माना जाता है और इसके पीछे एक प्रसिद्ध कहानी है।
लड्डू के जनक कौन है ?
एक लोकप्रिय मूल कहानी के अनुसार, लड्डू का 300-500 ईसा पूर्व में पता लगाया जा सकता है। ऐसा कहा जाता है कि एक प्राचीन भारतीय चिकित्सक सुश्रुत ने अपने रोगियों को आयुर्वेदिक दवाएं देने के लिए इस मिठाई का उपयोग किया था। मीठी गेंदों ने उन्हें खुराक का प्रबंधन करने में मदद की और रोगियों के लिए इसका सेवन करना भी आसान बना दिया।